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पतंजलि के गुमराह करने वाले विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त होता जा रहा है. मंगलवार (30 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया कि हर उस अखबार की ओरिजिनल कॉपी देनी होगी जिसमें की बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की तरफ से सार्वजनिक माफी मांगी गई है योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें लगातार अब बढ़ती ही जा रही है एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट की फटकार वही उत्तराखंड सरकार द्वारा 14 उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के बाद कहीं ना कहीं बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सकते में आ गए हैं
पतंजलि भ्रामक विज्ञापन के मामले में मंगलवार (30 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.जिसमें की अदालत की बेंच फैसला सुनाया कि हर उस अखबार की ओरिजिनल कॉपी पंतजलि को कोर्ट में जमा करनी होगी, जिसमें की बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ओर से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी गई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव बाबा और आचार्य बालकृष्ण को पेशी से छूट दे दी है.