प्रदेश में बीती कई दिनों से वनाग्नी की घटनाओं ने दिल दहला कर रख दिया है, सैकड़ो हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुके हैं जिसमे कई लोगों की मौत भी हो चुकी लेकिन अब तक वनाग्नी की घटनाओं पर पूर्णतया अंकुश नहीं लग पाया है, कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक जंगलों की आग आय दिन रफ्तार पकड़ रही है,हालांकि शासन–प्रशासन लगातार आग बुझाने का प्रयास कर रहा है लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है
बढ़ती वनाग्नी की घटनाओं के चलते वन्य जीव भी खतरे की जद में आने लगे हैं हालांकि प्रदेश में अब तक वन्य जीवों की छति की कोई सूचना नहीं है लेकिन अगर जंगलों की आग ऐसी ही बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब वन्य जीवों के मौत की खबर भी सुर्खिया बटोरने लगेगी,हालांकि प्रमुख बन संरक्षक वन्यजीव समीर सिन्हा ने कहा की प्रदेश में वनाग्नी की घटनाएं बीते कई दिनों से जरूर देखने को मिल रही है लेकिन अब तक वन्य जीवों के नुकसान का कोई भी आंकड़ा दर्ज नहीं हुआ है हालांकि जिन क्षेत्रों में वनाग्नी की घटनाएं दर्ज हो रही है उन क्षेत्रों में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जल की पर्याप्त उपलब्धता रहे ताकि वनाग्नी की घटनाओं के चलते वन्य जीवों को जल की पर्याप्त मात्र मिल सके साथ ही इस दौरान वन्यजीवों के संरक्षण के लिए तमाम कदम भी उठाए जा रहे हैं
*बाइट–समीर सिन्हा,प्रमुख बन संरक्षक वन्यजीव,उत्तराखंड*