मां गंगा को नदियों में सबसे पवित्र व पूजनीय माना जाता है और यही कारण है कि लोग दूर-दूर से गंगा नदी में स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से न सिर्फ व्यक्ति के सारे कष्ट मिटते हैं, बल्कि उसके सारे पाप भी धुल जाते हैं। गंगा नदी में स्नान के अतिरिक्त जिस चीज को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है, वह है आरती। गंगा आरती का अपना एक अलग महत्व है। गंगा आरती का दृश्य मात्र देखने से ही व्यक्ति भक्ति के रस में सराबोर हो जाता है। गंगा आरती को देखने के लिए सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं।
गंगा नदी का उद्गम भारतीय राज्य उत्तराखंड से होता है। यह पूरे उत्तर भारत से होकर बहती है, और पश्चिम बंगाल में दो भागों में विभाजित हो जाती है – हुगली नदी पद्मा नदी। हरिद्वार, ऋषिकेश, वाराणसी व इलाहाबाद ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर गंगा आरती करने और उसे देखने का अपना ही एक अलग आनंद है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि देश की किन-किन जगहों पर आप गंगा आरती का लुत्फ उठा सकते हैं-
हरिद्वार में पवित्र नदी की एक झलक पाने के लिए लोग दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां पर गंगा आरती हरि-की-पौड़ी घाट में आयोजित की जाती है। इस घाट का शाब्दिक अर्थ है भगवान का पैर। इस घाट पर आरती बेहद ही भव्यता के साथ की जाती है। अगर आप गंगा आरती का आनंद लेना चाहती हैं तो आप घाट पर बनी सीढ़ि़यों पर बैठकर उसे देख सकती हैं। वहीं आरती में हिस्सा भी लिया जा सकता है।
दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक, वाराणसी को एक ऐसा स्थान माना जाता है, जहाँ आप जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। यहां पर हर श्रद्धालु को एक अद्भुत अनुभव प्राप्त होता है और वह है गंगा आरती। वाराणसी गंगा आरती दुनिया में सबसे सुंदर धार्मिक समारोहों में से एक है। यह समारोह एक शंख बजाने के साथ शुरू होता है।माना जाता है कि सभी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है। वाराणसी गंगा आरती काशी विश्वनाथ मंदिर के पास, पवित्र दशाश्वमेध घाट पर हर सूर्यास्त के समय सम्पन्न होती है। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए शाम से ही लोगों का हुजूम घाट पर उमड़ने लगता है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा पर हर साल के अंत में वाराणसी में विशेष रूप से विस्तृत पैमाने पर एक महा आरती का आयोजन होता है, जिसे देखना अपने आप में अद्भुत है।
ऋषिकेश को मुख्य रूप से विश्व की योग राजधानी के रूप में जाना जाता है। ऋषिकेश की गंगा आरती परमार्थ निकेतन आश्रम में नदी के तट पर आयोजित की जाती है। यहां की आरती हरिद्वार और वाराणसी से थोड़ी अलग होती है क्योंकि यहां के घाट पर आरती का आयोजन पंडित नहीं, बल्कि आश्रम के लोगो द्वारा किया जाता है। इतना ही नहीं, आश्रम के बच्चे इस आरती में शामिल होती है। यहां आरती के प्रारंभ में पहले भजन गाया जाता है, उसके बाद दीपक जलाया जाता है और आरती होती है। आप नदी किनारे बैठकर इस अद्भुत नजारे को देख सकती हैं।
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उत्तरप्रदेश राज्य में स्थित इलाहाबाद में नेहरू घाट और सरस्वती घाट पर प्रतिदिन गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। यहां की आरती का भी अपना ही एक अलग महत्व है, जिसे देखने के लिए देश भर से कई आगंतुक आते हैं। यहां पर आरती से पहले सफाई की जाती है और शाम की आरती के लिए प्रकाश की भी विशेष व्यवस्था की जाती है, जिससे शाम के समय गंगा तट का नजारा देखते ही बनता है वहीं गंगा आरती से पहले वैदिक मंत्रोच्चारण किया जाता है और गणपति आह्वान भी किया जाता है।