खबर हरिद्वार से है जहां आपको बताते चलें कि आज समाज का आइना कहलाने वाले पत्रकारों की बात करते हैं जो कि अपनी जेब से पेट्रोल डलवा कर प्रेस कॉन्फ्रेंस या समाज के दुख दर्द को सामने लाने का काम करते हैं,,
अवैध कार्यों को भी कैमरे में क़ैद कर शासन प्रशासन एवम आम जन मानस तक पहुंचाने वाले पत्रकारों के ऊपर जब जानलेवा हमला होता है तो तो ज्यादातर प्रशासन की उदारता अबैध कार्य में लिप्त लोगों का दिल छूती दिखाई देती,,
जो कि पत्रकारिता जगत के लिए बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्य पूर्ण बात है साथ ही उन तमाम आदेशों,, वक्तव्यों, भाषणों को भी सवाल के दायरे में खड़ा करती हैं जिसमे कि स्पष्ट रूप से माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा कहा गया था की पत्रकार के साथ अभद्रता या हमला करने वाले 24 घंटे में जेल जाएंगे ,,,
इस बात की पुनरावृत्ति उत्तर प्रदेश सरकार अदित्य नाथ योगी जी द्वारा किए जाने के साथ साथ उत्तराखंड सरकार द्वारा भी की गई
अपको याद दिला दूं कि उत्तराखंड के पुलिस महा निदेशक अशोक कुमार द्वारा भी इस तरह के आदेश कई बार जारी किए जा चुके हैं
लेकिन ये हिंदुस्तान है भाई यहां तमाम आदेश ठंडे बस्ते के हवाले सिशक सिशक कर दम तोड देते हैं ,, होता वही जो नहीं होना चाहिए,,
सिडकुल क्षेत्र के पीड़ित पत्रकार धर्मराज का कहना है कि वह अपने घर से शाम को दूसरे मकान पर जा रहा था उसने रास्ते में देर शाम गैस रिफिलिंग का कारोबार चलते देखा तो वह वीडियो बनाने लगा जिसके चलते गैस सप्लायर ऑटो ड्राइवर गैस ने उसके मोबाइल पर हमला कर दिया और उसे गाली गलौज व मारपीट कर दी। जिसकी सूचना उसने सिडकुल पुलिस को दी थी। बताया कि मौके पर चेतक आई थी गैस सप्लायर ऑटो ड्राइवर को पकड़कर भी ले गए थे परंतु फिर उसे जाने दिया। इस संबंध में जब जिला पूर्ति अधिकारी मुकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गैस एजेंसी का समय जो निर्धारित होता है उसी के दौरान गैस डिलीवरी की जाती है। जिसके बाद बचे हुए सिलेंडर भरे हुए खाली एजेंसी में जमा कर लिए जाते हैं उन्होंने बताया कि कई जगह जैसे पेट्रोल पंप कुछ समय से खुलते हैं और कुछ 24 घंटे खुलते हैं एजेंसी में भी समय होता है एजेंसी का नाम और स्थान लिखकर भेजिए मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
जब कि पत्रकार की पिटाई का विडियो वायरल होने के बाद भी मामला अभी तक केबल जांच का विषय बना हुआ है
एक नजर यदि कानून पर डालें तो स्पष्ट है कि रात्रि में किसी भी गैस एजेंसी को सफलाई करने जैसा कोई निर्देष नहीं है ,, बिना कनेक्सन के अवैध गैस सिलेंडर की सफलाईं क्या कानून और नियमों की धज्जियां नहीं उड़ा रहे
फिर चौथे स्तंभ के साथ बर्बरता पूर्ण ढंग से मारपीट करना वह भी विडियो बनाने को लेकर कहां तक जायज है ,, कौन देगा इन सवालों का जबाव,,,,?