जिस जगह पर विश्व के पर्यटक आकर खुद को धन्य समझते हैं,, जिस जगह पर सूत जी ने 60000/ ऋषि मुनियों को श्रीमद्भागवत पुराण सुनाया ,, जिस स्थान के लिए देवता भी खुद को धन्य समझते हों उस धरम नगरी में यदि कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति, अधिकारी जनता के प्रति होने वाले अन्याय या लूट खसोट,, साथ ही गैर कानूनी कार्य को सिर्फ तमाशबीन बनकर देखते रहते हों तो आप क्या सोचेंगे ? और विदेशों से आने वाले श्रद्धालु जनों के लिए क्या संदेश जाएगा,, वैसे आज सोशल मीडिया के चलते हर गली कूचे में आपको पत्रकार मिल जायेंगे लेकिन इस ओर क्या किसी का ध्यान आकृष्ट हुआ,,? नहीं,, तो सुनिए , हरिद्वार में जगह जगह पर इंगलिस शराब ठेके हों या फिर देशी ओवर रेटिंग का मामला वर्षो से चल रहा है जिसके चलते संबंधित विभाग की कार्यव्य निष्ठा पर सवालिया निशान लगा हुआ है,, अभी हाल ही में रावली महदूद स्थित अंग्रेजी शराब ठेके पर 135 रुपए की बियर 140 रुपए में दी गई ,, यह है जनता की जेब पर दिन दहाड़े डाका डालने का उपक्रम जो कि बिना विभागीय शय के नामुमकिन ही नहीं बल्कि असंभव है इस संबंध में भुक्त भोगी को माननीय उपभोकता न्यायालय की शरण में जानें के लिए विवश होना पड़ा क्यो कि सिस्टम में कहीं न कहीं जरूर गड़बड़ी है ,, इतना ही नहीं बल्कि शराब ठेकों की समयावधि समाप्त होने पर भी खुले आम शराब बेचना एक चौकाने वाला विषय है ,,
आप को बताते चलें कि उत्तराखंड के सी एम श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कैबिनेट में एक आदेश शराब सस्ती करने को लेकर किया था,, जो कि शायद हरिद्वार पर लागू नहीं होना था और न ही हुआ,, यहां आज भी पुराने बढ़े हुए दाम पर शराब बेंची जा रही है आखिर क्यों?? आम जनता के साथ इतना बड़ा धोखा करने का दुस्साहस कौन कर रहा है ??