हरिद्वार प्रशासन की मूक सहमति के बिना क्या किसी भी नदी से अवैध खनन संभव हो सकता है,,? नहीं,, यदि हां तो फिर प्रशासन इस अवैध खनन पर अंकुस लगाने में लापरवाह क्यों है,, बीते दिनों पूर्व रात्रि में स्टेट नदी में मशीनों द्वारा खनन का कार्य सारी रात जारी रहना क्या चौंकाने वाला कार्य नहीं है,, ये वही लोग थे जिन्होंने ने नवोदय नगर नदी में परमीसन ले रखी है और स्टेट नदी तक को नहीं छोड़ा,, मामला तब जाकर रुका जब ट्रैक्टरों से अवैध खनन करने वाले लाठियां लेकर नदी में विरोध करने पहुंच गए,, क्यों कि उन्हें अपनी चिंता सता रही थी कि जब मशीन से खनन होगा तो हम सभी का धंधा खतम हो जायेगा! जन चर्चा है कि मसीन से खनन करने वाले ऊंची पहुंच के हैं,,, लेकिन इस प्रकार की बातों से पार्टी विशेष की छवि धूमिल तो होती ही है साथ ही प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान साबित होता है! आनन फानन में खनन आधिकारी द्वारा टीम भेज कर जांच कराई गई व जिलाधिकारी कार्यालय हेतु अग्रिम कार्यवाही के लिए अभिलेख प्रस्तुत किए गए हैं,, लेकिन कार्यवाही किस पर होगी यह अभी रहस्य बना हुआ है!